" कोविड-19 का दूसरा दौर "
देश में दवा कंपनियों का बाजार गर्म !
आम तौर पर देश में मई और जून का महीना जनता के लिए एक खास महीना होता है, जब देश की जनता अपने घर परिवार की जरूरत को पूरा करने के लिए इन 2 महीनों में साल भर का राशन पानी बाजार से खरीद कर घर में रखती है ! इन 2 महीनों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का बाजार खरीदारी के रूप में रोशन रहता है जब किसान अपनी फसल को बाजार में लाकर बेचता है ! ग्रामीण और शहरी क्षेत्र का मध्यमवर्ग परिवार आमतौर पर इन महीनों में साल भर के लिए गेहूं दाल मसाले इत्यादि साल भर के लिए खरीद कर अपने घरों में रखते आए हैं ! शायद इसी लिए सरकारी और गैर सरकारी विभागों के कर्मचारियों को महीनों में फूड ग्रैंड एडवांस भी दिया जाता है, यह एडवांस इसलिए दिया जाता है क्योंकि कर्मचारी साल भर का राशन इकट्ठा कर अपने घरों में रख दें!
इस बार कोविड 19 की महामारी ने देश में ऐसा तांडव मचाया की देश का आमजन साल भर के लिए अनाज खरीदना भूल गया उसकी जगह वह जरूरत की दवाइयां खरीदने लग गया।
मई और जून महीने मैं आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी में बाजार के अंदर कालाबाजारी और मुनाफाखोरी और महंगाई जैसा शोर सुनाई नहीं देता था, बल्कि सालाना इस बाजार के कारण किसान और मजदूर खुश नजर आते थे क्योंकि दोनों को इस बाजार के कारण रोजी रोटी मिलती थी! लेकिन आज कोविड-19 महामारी के कारण यह बाजार ठंडा पड़ा हुआ है वही दूसरी तरफ दवाइयों का बाजार गर्म है और इस बाजार से जमाखोरी मुनाफाखोरी और महंगाई जैसे शब्द भी सुनाई दे रहे हैं! मजदूरों को रोजगार भी इस दवा बाजार से नहीं मिल रहा है ! जिन्हें दवाइयों की जरूरत थी वह भी और जिन्हें दवाइयों की जरूरत नहीं थी वह भी संभावनाओं को मध्य नजर रख जरूरत की दवाइयां खरीद कर एडवांस में रखने लगा है !
इस समय दवाइयों के बाजार की बात करें तो दवाई बाजार ने शायद दशकों बाद 1 महीने के अंदर सबसे ज्यादा बिक्री करने का इतिहास रचा होगा !
विपक्ष और जनता कोविड-19 बीमारी में उपयुक्त होने वाली दवाइयों से जीएसटी हटाने की मांग कर रही है ! यदि पिछले 1 महीने के भीतर सरकार के द्वारा जीएसटी के रूप में लिए गए टैक्स की बात करें तो शायद सरकार के पास भी सबसे ज्यादा पैसा टैक्स के रूप में दवाइयों से ही आया होगा ! विपक्ष और कांग्रेस शासित राज्य कोविड-19 बीमारी में काम आने वाले उपकरण और दवाइयों पर से टैक्स हटाने की केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार को अंदेशा है कि टैक्स हटाने के बाद इन वस्तुओं पर महंगाई और अधिक बढ़ जाएगी ! और महंगाई के कारण पीड़ित जनता को परेशानी होगी !
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Devendra Yadav Sr.Journalist |
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