"चुनाव की खुमारी उतरी अब कोरोना महामारी पर राजनीति शुरू ?
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव निपटने और चुनाव परिणाम घोषित होने के लगभग 15 दिन बाद देश के कर्णधार नेताओं की चुनावी खुमारी शायद अब उतर गई है ? क्योंकि अब यह नेता कोरोना महामारी पर राजनीति करते हुए दिखाई देने लगे हैं !
विधानसभा चुनावों में भी नेताओं ने अपनी अपनी पार्टियों के प्रचार के लिए पोस्टर चिपकाए थे और सोशल मीडिया पर भी पार्टियों ने अपना अपना प्रचार किया था !
अब कोरोना महामारी को लेकर भी पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं जिस पर विवाद हो गया, और पोस्टर चिपकाने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ! सोशल मीडिया पर " टूल किट " नाम का राक्षस एक बार फिर से बोतल से बाहर निकल गया !
केंद्र में सत्ताधारी भा ज पा के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी टूल किट का इस्तेमाल कर रही है, इसका कांग्रेस ने विरोध किया और भा जा पा पर कांग्रेस को बदनाम करने का आरोप लगाया और मुकदमा दर्ज करने की बात कही !
राजनीतिक नजरिए से चुनाव और कोरोना महामारी को देखे तो नेताओं की बातों में ज्यादा फर्क नजर नहीं आएगा, जो बातें नेता चुनावों के दरमियान कह रहे थे और कर रहे थे वही सब कुछ कोरूना संकटकाल में भी दिखाई दे रहा है ! वही 70 साल मैं देश के अंदर कुछ नहीं हुआ चुनावों में भी नेता यही बात कर रहे थे और कोरोना संकट के समय भी 70 साल का रोना रो रहे हैं ! चुनावों के वक्त पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियां वितरित कर रहे थे जिसका राजनीतिक पार्टियों एक दूसरे पर वितरण का आरोप लगाकर चुनाव आयोग से शिकायत कर रहे थे कुछ ऐसा ही नजारा कोरोना महामारी की इस संकट की घड़ी में भी देखने को मिला जब विपक्षी पार्टियां पीड़ित मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर दवाइयां और अन्य सामग्री बांट रहे थे तब सत्ता पक्ष इसका विरोध करने में लगे हुए थे यही नहीं हाईकोर्ट के निर्देश पर सामग्री बांट रहे लोगों से पुलिस ने पूछताछ भी शुरू की, सवाल यह है कि चुनाव हो या महामारी देश के कर्णधार नेताओं के लिए राजनीति करना जरूरी है क्या ?
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राजस्थान में कोरोना की ट्रैसिंग का कार्य जोरों पर |
कोरोना महामारी को लेकर यूं तो राजनीति करने का आरोप कोविड-19 के प्रारंभ से ही लगते आ रहे हैं, आरोप सत्ता पक्ष और विपक्ष देश और राज्यों के बीच लगते हुए सुनाई दिए थे क्या अब आरोपों की यह लहर शहरी क्षेत्र से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर अपने पांव पसारे गी ?
कोरोना महामारी ने शहर से निकलकर अब गांव में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं ! गांव की स्थिति भयावह है जहां स्वास्थ्य सुविधाएं शहरी क्षेत्रों से बहुत कम है ऐसे में आने वाले वक्त में राजनीति करने का आरोप ग्रामीण क्षेत्रों से भी लगता हुआ नजर आएगा ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण क्षेत्र मैं बढ़ती महामारी को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं, मंगलवार 18 मई को उन्होंने देश के विभिन्न जिलों के कलेक्टरों के साथ वर्चुअल मीटिंग भी की है !
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Devendra Yadav Sr. Journalist |
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