"नहीं रहे कवि निर्मल निर्दोषी"
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कवि निर्मल "निर्दोषी" |
ब्रजभाषा मैं काव्य लिखने और काव्य पाठ करने वाले हाड़ौती संभाग के जाने-माने कवि और साहित्यकार निर्मल निर्दोषी का सोमवार 24 मई को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया ! वह कोरोना महामारी से पीड़ित थे उन्होंने कोटा के रेलवे अस्पताल में अंतिम सांस ली ! निर्मल निर्दोषी कोटा राजस्थान के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार श्री देवेंद्र यादव के फादर - इन लॉ थे।
दलित साहित्य अकादमी भारतेंदु समिति कोटा और नाथद्वारा साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित कवि निर्मल निर्दोषी ने लगभग आधा दर्जन किताबें भी लिखी हैं जिनका प्रकाशन हो चुका है, उनके द्वारा लिखे गए साहित्य की खास बात यह है कि उन्होंने ब्रज भाषा में छंद के माध्यम से अपनी रचनाएं लिखी हैं !
मधुशाला की तर्ज पर उन्होंने टी शाला नामक कविता लिखी जिसे मंच से उन्होंने अनेक बार पड़ा जिसकी खूब प्रशंसा हुई उन्होंने मूंगफली पर भी कविता लिखी कवि सम्मेलनों में जनता की तरफ से उनकी इन दोनों कविताओं की मांग उठती सुनाई देती थी ! वेस्टर्न रेलवे के कोटा मंडल रेलवे में निर्मल निर्दोषी जिन का पूरा नाम केवल राम निर्मल था वह स्टेशन मास्टर के पद पर कार्यरत रहे हैं !
मूलतः वह उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक छोटे से गांव वीसाना के रहने वाले थे, अपनी मृत्यु से पहले तक वह भागवत गीता का ब्रज भाषा में छंदों के माध्यम से अनुवाद करने में लगे हुए थे और उनकी यह किताब चंद दिनों में प्रकाशित होने वाली थी लेकिन ईश्वर को शायद यह मंजूर नहीं था उनकी कोरोना महामारी के कारण अचानक से मृत्यु हो गई ! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे ! कवि और साहित्यकार निर्मल निर्दोषी जी को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि।।
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(खबर साभार पत्रकार देवेंद्र यादव कोटा, राजस्थान के द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर लिखी गयी।
@Tikam Shakya
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