Hand-Picked/Weekly News

Travel
Wednesday, May 5, 2021

5/05/2021 10:04:00 AM

"चुनाव खत्म, परिणाम घोषित, लेकिन राजनीति अभी भी जारी है!"


देश के पांच राज्य के चुनाव 29 अप्रैल को समाप्त हो गए थे और 2 मई को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम भी घोषित किए गए थे! जनता ने अपनी जनादेश दे दिया, अब बारी उन राजनेताओं की है, जिन नेताओं को जनता ने अपना मत देकर चुना है! जनता ने नेताओं को इसलिए चुना है क्योंकि नेता जनता की समस्याओं का समाधान करें!

 देश में इस समय सबसे बड़ी समस्या कोरोना महामारी और उससे उत्पन्न होने वाली आर्थिक समस्या है, कोरोना महामारी की समस्या चुनाव समाप्त और परिणाम घोषित होने से पहले से चली आ रही है क्योंकि चुनाव चल रहे थे इसलिए जनता दबी जुबान ही नेताओं पर सवाल खड़े कर रही थी। हो रहा था। हो रहा था। रही थी और जनता इंतजार कर रही थी की नेता चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कोरोना महामारी और उससे उत्पन्न होने वाली आर्थिक समस्या के समाधान के लिए जुट गई।


लेकिन पश्चिम बंगाल में नवनियुक्त सरकार का गठन भी नहीं हुआ था की वहां हिंसा कुछ लोगों की हो गई है। है।
क्या हिंसा में मौत हो गई, हिंसा नहीं होनी चाहिए।
अब राजनीतिक दलों ने इस पर राजनीति करनी शुरू कर दी है!


लगातार तीसरे बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनने जा रही सुश्री ममता बनर्जी को जनता से अपील करनी चाहिए की राज्य में किसी भी प्रकार की कोई हिंसा नहीं हो और ऐसी ही भूमिका राज्य में पहली बात विपक्ष की प्रमुख भूमिका में आ रही भाजपा के नेताओं को भी
 
चाहिए! 
एक बार फिर से मैं बंगाल की जनता से अपील करता हूं की वह अपने प्रदेश में हिंसा नहीं होने दें बल्कि अपनी समस्याओं का सरकार से हल करने का प्रयास करें! होना तो यह के चुनावों के परिणाम आने के बाद सरकार का गठन होगा और जनता की समस्याओं का तेजी के साथ समाधान होगा लेकिन जो नेता चुनाव में व्यस्त थे वह नेता चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद एक बार फिर से नेतागिरी करने में व्यस्त नजर आने लगे हुए हैं।

 जनता की समस्या जस की तस बनी हुई है!कोरोना महामारी अपना विकराल रूप निरंतर दिखा रही है और संभावित आर्थिक समस्या देश की दहलीज पर खड़ी हुई है! चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में जो हिंसा हुई है उस पर राजनीति वह दल करते हुए दिखाई दे रहे हैं, भाजपा जिसकी केंद्र में आपकी सरकार है और तृणमूल कांग्रेस जो लगातार तीसरी बार बंगाल में सरकार बनाने जा रही है! 


कोरोना महामारी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का निराकरण करना दोनों ही पक्षों के कंधों पर है बड़ी जिम्मेदारी भा जा पा पर है क्योंकि भा ज पा केंद्र की सत्ता में है!
चुनाव के समय भा ज पा सरकार के तमाम बड़े नेता बंगाल चुनाव में व्यस्त थे इसलिए जनता केवल दबी जुबान राजनेताओं पर ही सवाल खड़े कर रही थी की देश में कोरोना महामारी से जनता प्रभावित है और नेता चुनाव में व्यस्त हैं उम्मीद की जा रही है कि चुनाव समाप्त होने के बाद राजनेता जनता की समस्याओं पर ध्यान देंगे?

 देश के भीतर इस समय देश की विभिन्न सर्वोच्च अदालतों से कोरोना महामारी को लेकर सरकारों को फटकार लगाने के समाचार निरंतर सुनाई दे रहे हैं लेकिन सवाल अभी भी जस का तस बना हुआ है।

 की अदालतों की फटकार का असर सरकारों पर क्या हो रहा है क्योंकि अभी भी भी अस्पतालों के अंदर ऑक्सीजन दवाईयां और बैड की कमी है इस कमी के कारण आज भी लोगों की मौत हो रही है, ऐसे में सवाल उठता है की देश के विभिन्न सर्वोच्च न्यायालय की फटकारो की अहमियत क्या है?


एक समाचार सरकार की विदेश नीति को लेकर भी सुनाई दे रही है की सरकार की विदेश नीति के कारण संकट की इस घड़ी में कई देश भारत की मदद करने में जुटे हुए हैं लेकिन विदेशी मदद हवाई अड्डों पर पड़ी हुई है जो अनंत क्षेत्रों में जाने का है। । हो रहा है!

सवाल अभी भी जनता का वही है की भाजपा के नेता अभी भी तारीखवी राजनीति से उभर नहीं पाए हैं क्या? अब उन्हें बंगाल में हार की कसक है क्या? जो बंगाल की हिंसा के बाद दिखाई दे रही है क्योंकि बंगाल हिंसा के बाद भाजपा के नेता बंगाल हिंसा के विरोध में जुट गए हैं, देश की जनता इन नेताओं का कोरोना महामारी के खिलाफ जुटने का इंतजार कर रही है।

देवेंद्र यादव
सीनियर जर्नलिस्ट




0 Comments:

Post a Comment

THANKS FOR COMMENTS