“अशोक गेहलोत और ओम बिरला की जुगलबंदी संकट की घड़ी में उठा रही है जनता के मनोबल को!
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ओम बिरला स्पीकर लोकसभा |
राजस्थान देश के उन सौभाग्यशाली प्रदेशों में से एक राज्य है जहां राज्य की सत्ता में कांग्रेस है तो उसी केंद्र की सत्ता में भाजपा है, लेकिन प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी के संकट में पता ही नहीं चल रहा है कि राज्य में किस पार्टी की सरकार है है और केंद्र में किस पार्टी की सरकार है क्योंकि दोनों ही पक्षों के प्रमुख नेता राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोरोना महामारी से एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं और नाराज की जनता का मनोबल बढ़ा रहे हैं!
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अशोक गहलोत सीएम राज। |
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत परिपक्व नेता ही नहीं बल्कि दूर दृष्टि रखने वाले और प्रशासनिक व्यवस्था पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेता भी हैं!
अशोक गेहलोत 2018 में राज्य के तीसरे बार मुख्यमंत्री बने!
यदि गहलोत के कार्यकाल पर नजर डालें तो, उनका प्रत्येक कार्यकाल किसी ना किसी संकट की गिरफ्त में रहा है चाहे वह प्रदेश में ओलावृष्टि हो या सूखे की समस्या हो या फिर डेंगू स्वाइन फ्लू वर्ल्ड फ्लू जेसी बीमारियों की समस्या हो ! गहलोत के प्रत्येक कार्यकाल में कोई ना कोई समस्या बनी रही है और शायद उनके कार्यकाल में उत्पन्न कठोर समस्याओं ने ही गहलोत को मजबूत और दूरदृष्टि वाला नेता बनाया है ! सूखे के कारण प्रदेश में अकाल जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न हुई तब अशोक गहलोत ने गरीबों के घरों पर मुफ्त अनाज देकर गरीब जनता का मनोबल बढ़ाया था ! 2011 में अशोक गहलोत ने राजस्थान में एक अहम और महत्वपूर्ण योजना का श्रीगणेश किया " मुफ्त दवा योजना जो देश विदेश में चर्चा का केंद्र बनी ! गहलोत ने बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए मुफ्त दवा देने का प्रबंधन किया वही इस योजना के साथ मरीजों की मुफ्त में जांच कराने का भी एलान किया ! मुफ्त दवाओं का ऐलान केवल इंसानों के लिए ही नहीं किया बल्कि जानवरों की बीमारी के लिए भी मुफ्त इलाज की व्यवस्था की ! गहलोत की इस योजना का लाभ ना केवल राजस्थान की जनता ने उठाया बल्कि राजस्थान के सीमावर्ती राज्यों के लोग भी राजस्थान में अपना इलाज कराने के लिए आते देखे गए !
अब कोरोना महामारी के संकट के दौर में अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐलान किया है कि जनता घबराए नहीं धैर्य रखें कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उनकी सरकार के पास जितना भी बजट है उस बजट को चाहे वह इस बीमारी को रोकने पर खर्च कर दें तो उन्हें किसी प्रकार का कोई अफसोस नहीं होगा, क्योंकि अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमेशा ध्यान दिया है यही वजह है कि राजस्थान में कोरोना महामारी का प्रकोप अधिक होने के बावजूद है जनता का हौसला और धैर्य अभी भी मजबूत है !
बात करें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओम बिरला भी प्रदेश की जनता का लगातार मनोबल बढ़ाने में जुटे हुए हैं उन्होंने भी प्रदेश की जनता को केंद्र से पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है और मदद कर भी रहे हैं ! ओम बिरला राजस्थान विधानसभा के तीन बार सदस्य रहे और दूसरी बार लोकसभा के सदस्य बने हैं वर्तमान में बिरला लोकसभा के अध्यक्ष हैं क्योंकि बिरला परिवार राजस्थान में शुरू से ही सेवाभावी परिवार रहा है बिरला परिवार के सदस्य अनेक समाजसेवी संस्थाओं के मुखिया के तौर पर जनता की सेवा करने में दशकों से जुटे हुए हैं इसलिए जनता की पीड़ा क्या होती है इसे बिरला और उनका परिवार अच्छे से जानता है और यही वजह है कि कोरोना महामारी के दौर में राजनीति नहीं कर प्रदेश की जनता का मनोबल बढ़ाने में जुटे हुए हैं !
जनता का मनोबल केवल राज नेता ही नहीं बढ़ा रहे हैं बल्कि जनता का मनोबल राजस्थान के चिकित्सा कर्मी भी बढ़ा रहे हैं !
राजस्थान कोविड-19 के प्रथम चरण में देश और विदेश में उपचार के लिए एक मिसाल बना था, इस मिसाल मैं योगदान राजस्थान के चिकित्सा कर्मियों का था, दरअसल राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था और चिकित्सकों पर प्रदेश की जनता को पूरा भरोसा था जो आज भी कायम है ! प्रदेश में अनेक डॉक्टर ऐसे मौजूद हैं जिन पर जनता भरोसा और विश्वास करती है और संकट की इस घड़ी में वह डॉक्टर आज भी जनता का मनोबल बढ़ाने में जुटे हुए हैं प्रदेश की सरकारी चिकित्सा व्यवस्था बेहतरीन है क्योंकि इस चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने और बनाए रखने में सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों का और कर्मचारियों का बड़ा योगदान है यही वजह है कि राजस्थान चिकित्सा के क्षेत्र में संकट की इस घड़ी में प्रदेश की जनता का विश्वास जीतता हुआ दिखाई दे रहा है !
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Devendra Yadav Sr. Journalist |
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