किसान आंदोलन पार्ट-2
भाजपा को भविष्य में क्या नुकसान होगा ? तत्काल क्या फायदा हुआ ?
एक बार फिर से देश की नजर किसान आंदोलन पर है, यूं तो देश का किसान तीन कृषि बिल के खिलाफ लंबे समय से सड़कों पर आंदोलन कर रहा है। लेकिन 26 जून को 7 महीने बाद आंदोलनकारी किसान एक बार फिर से दिल्ली बॉर्डर पर सक्रिय नजर आए ! किसान आंदोलन को 7 महीने होने पर 26 जून को किसान बचाओ और लोकतंत्र बचाओ का नारा बुलंद कर देशभर में राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दीया! जिसे किसान आंदोलन पार्ट 2 कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी ?
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर से किसानों से वार्ता करने को कहा !वही किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार को सरकार की बीमारी का इलाज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में इलाज करने की चुनौती दे रहे हैं !
भविष्य में भाजपा पर किसान आंदोलन का असर क्या पड़ेगा यह भविष्य बताएगा लेकिन किसान आंदोलन पार्ट 2 से भाजपा को तत्काल क्या फायदा हुआ यह नजर आ रहा है, खासकर भविष्य में किसान आंदोलन से भाजपा को उत्तर प्रदेश में नुकसान होने की बात किसान नेता कर रहे हैं उसी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन पार्ट 2 से भाजपा को तत्काल जो फायदा हुआ वह यह है कि उत्तर प्रदेश में सरकार को लेकर भाजपा के अंदर जो उठापटक चल रही थी, सोशल मीडिया और मेन मीडिया के माध्यम से भाजपा की उठापटक को लेकर जो खबर प्रमुखता से चल रही थी उस खबर पर अब शायद विराम था लग गया है ! हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सुर्खियों पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर जाकर कुछ हद तक विराम लगा दिया था ! और उसके बाद खबर यह भी आई की उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे ! इन तमाम घटनाक्रम के बाद भी सरकार के प्रति उठापटक का मसला मीडिया में पूरी तरह से खत्म नहीं हो रहा था ! वही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर जमीन खरीद का विवाद मीडिया में चल रहा था, विपक्ष जमीन खरीद को लेकर भा ज पा और आर एस एस पर जमकर हमला कर रहा था ! अब यह दोनों मुद्दे मीडिया में कम सुनाई देंगे इनका स्थान किसान आंदोलन ले लेगा ! विपक्ष पंचायत राज चुनाव को लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर था लेकिन भाजपा ने जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर अपने 17 प्रत्याशी निर्विरोध जीता कर विपक्ष को ठंडा कर दिया ! विपक्ष के पास भाजपा सरकार के खिलाफ सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाने के अलावा और कुछ बचा नहीं है ! भाजपा को उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत चुनाव में ऐसे समय में कामयाबी मिली है जब विपक्ष भाजपा पर हमलावर था वही आंदोलनकारी किसानों से आगामी विधानसभा चुनाव में मिलने वाली चुनौती का सामना था ! जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने कुछ हद तक कामयाब होकर विपक्ष और किसान नेताओं को जवाब दे दिया है क्या ?
आंदोलनकारी किसान पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद शायद इसलिए गदगद है की भा जा पा को यह हार किसानों के कारण मिली है ? और इसीलिए किसान नेता भाजपा सरकार पर दबाव बना रहे हैं की यदि तीनों बिल वापस नहीं लिए तो किसान उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में और 2024 में आम चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे !
क्या यह आंदोलनकारी किसानों का मुगालता मात्र है की उनके कारण भा ज पा पश्चिम बंगाल में चुनाव हारी और क्या आंदोलनकारी यह मुगालता पाल रहे हैं की यदि तीनों कृषि बिल वापस नहीं लिए तो भाजपा उत्तर प्रदेश और देश के आम चुनाव में भी हारेगी ! जहां तक उत्तर प्रदेश की बात करें तो योगी सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को जिला पंचायत चुनाव में सफल होने के बाद मैसेज दे दिया है क्या की भाजपा चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है ! किसानों को मुगालता है या फिर उन्हें विश्वास है इसका फैसला आने वाला वक्त बताएगा जिसका हमें अभी इंतजार करना होगा !
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Devendra Yadav Sr. Journalist |