कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने दिखाया ट्रेलर, पिक्चर अभी बाकी है ?
फिल्म हिट होगी या फ्लॉप यह रिलीज के बाद दर्शक तय करेंगे ?
● Devendra Yadav ●
10 अक्टूबर को बनारस में कॉन्ग्रेस ने, 2022 के विधानसभा चुनाव का आगाज रोड शो और विशाल जनसभा करके किया था तो वही समाजवादी पार्टी ने कानपुर में रोड शो और जनसभा का 12 अक्टूबर को चुनावी आगाज किया ! कांग्रेस नेता राष्ट्रीय महामंत्री और उत्तर प्रदेश प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी और समाजवादी नेता पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फिल्मी प्रोमो की तरह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का आगाज किया क्योंकि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने में अभी लगभग 4 महीने का समय बाकी है, चुनाव से 4 महीने पहले रोड शो और जनसभा करना किसी फिल्म के प्रोमो से कम नहीं है ! दोनों ही के रोड शो और जनसभा में भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ा और देखने को मिला, अब सवाल उठता है कि क्या सत्ताधारी भाजपा और बहुजन समाज पार्टी अपनी फिल्म का प्रोमो दिखाएंगे या फिर सीधे फिल्म रिलीज करेंगे क्योंकि दोनों ही पार्टियों ने अभी तक रोड शो और जनसभा नहीं की है ! गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश आए थे और उत्तर प्रदेश आकर उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था, प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को चुनाव से जोड़कर देखा गया था मगर जो रोड शो और जनसभा प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव ने की है वैसा प्रदर्शन नरेंद्र मोदी और मायावती ने अभी तक नहीं किया है अब दोनों के ही चुनावी प्रदर्शन का जनता बेताबी से इंतजार कर रही है क्या दोनों नेता उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव की घोषणा होने के बाद करेंगे ?
श्रीमती प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव के रोड शो और जनसभा के बाद राजनीतिक पंडित यह चर्चा भी करने लगे हैं कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी क्या चुनाव संपन्न होने तक इसी प्रकार से रोड शो और जनसभाएं करते रहेंगे या फिर भारत की हॉकी टीम की तरह डी में पहुंचने के बाद गोल करने से वंचित रह जाएंगे ? एक सवाल और खड़ा हो रहा है सवाल यह है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अलग-अलग रोड शो और जनसभा कर अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़कर क्या भाजपा को मात दे देंगे ? विपक्ष की एक जुटता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं की उत्तर प्रदेश में विपक्ष एकजुट नहीं है और विपक्ष का बिखराव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैसे सत्ताधारी भाजपा को मात देगा ?
देश के राजनीतिक पंडित यह भी जानते हैं कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने एकजुट होकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था उस चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा और सबसे खराब प्रदर्शन रहा था दोनों पार्टियां एकजुट होकर भी भा जा पा को मात नहीं दे पाई थी भाजपा ने उत्तर प्रदेश में पहली बार प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाई थी ! राजनीतिक पंडित यह भी जानते हैं कि 2012 मैं समाजवादी पार्टी और कॉन्ग्रेस साथ साथ नहीं थे इसके बावजूद समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी, तब उत्तर प्रदेश की सत्ता पर बहुजन समाज पार्टी काबीज थी, भाजपा सहित कांग्रेस और समाजवादी पार्टी विपक्ष में थी ! लेकिन 2017 में सत्ता में समाजवादी पार्टी थी और उसे भाजपा ने चुनाव में मात दी थी !
मौजूदा वक्त में राजनीतिक पार्टियों की परिस्थितियां पहले से ज्यादा बदली हुई दिखाई दे रही है, पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में मजबूत पार्टियां थी इनकी राजनीतिक मजबूती के कारण राष्ट्रीय पार्टियां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनाव से पहले और चुनाव के बाद इन दोनों पार्टियों से गठबंधन करती रही है अब मौजूदा वक्त में भाजपा मजबूत पार्टी है और केंद्र और उत्तर प्रदेश मैं अपनी पार्टी की सरकार चला रहे हैं, तो वही कांग्रेस पहले से ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है, कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में नजर आने लगी है कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का प्रियंका गांधी और बनारस में हुए उनके रोड शो और जनसभा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद कर दिए हैं, ऐसे में क्या संभव है की भाजपा को हराने के लिए विपक्ष एकजुट हो जाएगा अभी 4 महीने का इंतजार बाकी है ?