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Thursday, January 13, 2022

1/13/2022 11:41:00 AM

नहीं रुक रही ग्राम पंचायत की मनमानी अनुसूचित जाति के लोगों को किया जा रहा है प्रताड़ित, प्रशासन मौन।


 ग्राम पंचायत शाहाबाद तहसील तिजारा जिला अलवर का है मामला।



ग्राम पंचायत शाहाबाद तहसील तिजारा जिला अलवर में ग्राम पंचायत के अधीन आराजी खसरा नंबर 989 मैं जिलाधीश द्वारा नियुक्त आवंटन अधिकारी नायब तहसीलदार तिजारा द्वारा दिनांक 2 सितंबर 1975 को अनुसूचित जाति के लोगों को 10 * 15 वर्ग गज के करीब 25 से 30 प्लाटों का पट्टा जारी किया गया था। जिस पर उक्त लोग झोपड़ियां बनाकर रहते थे। एवं अपने प्लाटों पर काबिज थे।

लगभग 12 वर्ष पूर्व तत्कालीन सरपंच विमला देवी पत्नी उमराव सिंह यादव द्वारा उक्त भूमि पर 10 से 12 पट्टे और जारी कर दिए गए तथा अनुसूचित जाति के लोगों की झोपड़ियों को अवैध बताकर हटा दिया । जबकि ग्राम पंचायत को उस समय इस भूमि पर पट्टे काटने का अधिकार नहीं था फिर भी सरपंच द्वारा जबरन पट्टे जारी किए गए और अनुसूचित जाति के लोगों को अधिकार विहीन किया गया। उक्त भूमि पर नए लोगों को बसाकर शेष पर ग्यासा राम यादव पुत्र बदलूराम यादव का अवैध कब्जा करा दिया। जिस पर वह खेती करता है। जबकि उक्त भूमि राजस्व रिकॉर्ड में निवास स्थान एवं बस्तियों हेतु स्वीकृत है। और निवास स्थान हेतु स्वीकृत भूमि पर कृषि कार्य करना नियम विरुद्ध है।

2017 मैं आराजी खसरा नंबर 989 को ग्राम पंचायत शाहाबाद के सुपुर्द कर दिया गया जिसमें निवास स्थान एवं बस्तियों हेतु इंतकाल संख्या 3369 दर्ज किया गया।

2019 में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में रामनिवास यादव सरपंच बने जिसका ग्यासा राम सपोर्टर था। रामनिवास यादव के जीतते ही ग्यासा राम यादव  ने वहां पर निवासरत लोगों के रास्ते को नीव भरकर अवरुद्ध कर दिया जिससे लोगों को आने जाने में परेशानी होने लगी तो वहां पर रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राम सिंह पुत्र बोदन राम जो राष्ट्रीय मानव अधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग से जयपुर संभाग के अध्यक्ष भी हैं,द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया तथा इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई। इस मामले की शिकायत तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी से लेकर मुख्य सचिव तक की गई लेकिन रास्ता आज तक भी नहीं खुला है और ना ही ग्यासा राम द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाया गया है।


पटवारी नहीं कर रहा सही तरीके से पैमाइश बढ़ रहा है विवाद।


शाहाबाद ग्राम पंचायत के पटवारी प्रमोद कुमार यादव जो कि ग्यासा राम यादव के रिश्तेदार एवं विधायक संदीप यादव का नजदीकी है। पटवारी प्रमोद कुमार यादव लगभग 12 साल से ग्राम पंचायत शाहाबाद के पटवारी हैं और राजनीतिक रसूख के कारण आज तक अपने पद पर बने हुए हैं। पटवारी प्रमोद कुमार यादव द्वारा आराजी खसरा नंबर 989 की पांच बार पैमाइश की गई और पांचों ही बार अलग-अलग जगह सीमांकन बताते हुए ग्यासा  राम यादव के अतिक्रमण को बचाने का प्रयास करते हैं। जबकि हर बार ग्यासा राम यादव का मकान अतिक्रमण सीमा के अंदर आता है। तो पैमाइश की माप को कम कर देते हैं। जिससे लोगों द्वारा मांप को कम करने का कारण पूछने पर विवाद उत्पन्न हो जाता है।


राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत करने पर भी नहीं हुई कार्रवाई।


उक्त मामले की शिकायत राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की गई जिसका शिकायत नंबर 04213639915164 पर दर्ज कराने पर भी पटवारी प्रमोद कुमार यादव एवं विकास अधिकारी तिजारा द्वारा झूठे जवाब प्रस्तुत कर शिकायत को बंद करा दिया गया। बार-बार पोर्टल पर विरोध दर्ज कराने पर पटवारी प्रमोद कुमार यादव नाराज हो गए तो सरपंच से मिलकर शिकायतकर्ता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और कार्रवाई नहीं की।


शिकायतकर्ता राम सिंह को भुगतना पड़ा गंभीर परिणाम।


शिकायतों से नाराज होकर ग्राम पंचायत सरपंच रामनिवास यादव दिनांक 10 जनवरी 2022 को तहसीलदार तिजारा द्वारा जारी आदेश लेकर प्रशासन सहित भूखंड अतिक्रमण हटाने पहुंचे और ग्यासा राम यादव अतिक्रमण हटाने के बजाय शिकायतकर्ता राम सिंह के निर्माण कार्य को अवैध बता कर तोड़ डाला तथा प्लाट के बीचो बीच से जबरन रास्ता बना दिया जबकि इस रास्ते से 5 फुट दूर दूसरा रास्ता चालू है तथा एक अन्य रास्ता राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है लेकिन उस पर भी ग्यासा राम का कब्जा है। सारा प्रशासन उक्त कार्य को मौन रहकर देखता रहा जबकि राम सिंह द्वारा दिखाए गए राजस्व रिकॉर्ड को पटवारी प्रमोद यादव ने माननीय से मना कर दिया और निर्माण कार्य तोड़ दिया गया। जबकि ग्यासा राम द्वारा किया गया अतिक्रमण आज भी जैसा का तैसा है।


सरपंच रामनिवास यादव का कहर जारी।


निवासरत लोग अल्पसंख्यक एवं गरीब हैं जिनके पास पीने के लिए पर्याप्त पानी भी उपलब्ध नहीं है और ना ही बिजली की व्यवस्था है। ग्राम पंचायत द्वारा पीने के पानी की पाइप लाइन बिछाई गई लेकिन ग्राम पंचायत सरपंच रामनिवास यादव द्वारा उसे ढाणी से आधा किलोमीटर दूर ही बंद करवा दे गया। और आज तक पानी की व्यवस्था नही कराई गई है।


सरपंच नहीं लगने दे रहा घरों में लाइट


ग्राम पंचायत सरपंच रामनिवास यादव उक्त लोगों के घरों में विद्युत कनेक्शन नहीं होने दे रहा है । निवासरत सभी लोगों ने लगभग 3 से 4 बार विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन किया लेकिन सरपंच रामनिवास यादव ने विद्युत कनेक्शन आज तक नहीं होने दिया। जब कर्मचारी नक्शा बनाने जाते हैं तो सरपंच रामनिवास यादव अपने राजनीतिक रसूख के कारण कर्मचारियों को धमकी देते हैं और विद्युत कर्मचारी काम करने से मना कर देते हैं जिस कारण आज तक लोगों के घरों मेंविद्युत कनेक्शन हो पाया है।


खसरा नंबर 989 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण हेतु कर दिया स्वीकृत, ले चुके प्रस्ताव।


ग्यासा राम के विरुद्ध की गई शिकायत से सरपंच रामनिवास यादव इतने नाराज हुए की यह जानते हुए भी की उक्त भूमि अनुसूचित जाति के लोगों की पट्टा सुदा आराजी है और उस पर लोग निवासरत हैं फिर भी भूखंड को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण हेतु दान कर दिया जिसका ग्राम पंचायत में प्रस्ताव भी ले लिया गया है  जबकि पट्टा जारी करना बाकी है।उससे पूर्व सरपंच रामनिवास यादव लोगों को मकान खाली करके कहीं और चले जाने की धमकी दे रहा है।


सरपंच दे रहा है मकान खाली कर भूखंड से अतिक्रमण हटाने की धमकी ।जारी किए नोटिस



निजी खातेदारी भूमि में डाल दी सीवर लाइन और बना दिया कृषि भूमि में निजी रास्ता


अलवर । ●●Kashmeer Singh●●

गांव के मुख्य रास्तों से जल भराव की समस्या से निजात पाने के लिए विधायक कोटे से 2800000 रुपए स्वीकृत हुए लेकिन सरपंच ने मुख्य रास्तों से आधा किलोमीटर दूर यादव समाज के केवल 4 घरों के लिए सीवर लाइन बिछाई तथा निजी खातेदारी भूमि में रास्ता बना दिया। जबकि 4 घरों तक पहुंचने से पहले अनुसूचित जाति लोगों की 250 घर की बस्ती पढ़ती है लेकिन उन सब को छोड़कर सरपंच द्वारा केवल 4 घरों के लिए सीवर पाइप लाइन बिछाई गई जबकि अनुसूचित जाति के लोगों को छोड़ दिया गया। 4 घरों के पास ही वाल्मीकि समाज की बस्ती पड़ती है जहां पानी भराव की बहुत समस्या है लेकिन वाल्मीकि समाज के लोगों को भी सरपंच ने उक्त चार घरों की सीवर पाइप लाइन से नहीं जोड़ा और लोगों को सुविधाओं से वंचित कर दिया। गंदे पानी का निकास भी वाल्मीकि समाज के पास बने पुराने सार्वजनिक कुएं में किया गया जो कि नियम विरुद्ध था। वाल्मीकि समाज आज भी ऐसे सुविधाओं वंचित है और गंदगी में जीवन बसर करने को मजबूर है।

गांव के विकास के लिए आवंटित राशि से अपने चहेतों को निजी खातेदारी में सीमेंटेड रोड बना दिया जबकि यह रास्ता राजस्व रिकॉर्ड में नहीं है और ना ही सरकारी है। यह रास्ता केवल मात्र एक यादव समाज के घर के लिए बनाया गया जिसकी लंबाई लगभग 200 मीटर है और निजी रास्ता है और यह भी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।जबकि उससे केवल 50 मीटर दूर जरनैल सिंह सरदार का घर बना हुआ है उसे मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा और वह आज भी वंचित है। 4 घरों के लिए बनाए गए रास्ते पर यादव समाज के लोगों ने तारबंदी कर दी है और लोगों को वहां से निकलने पर पाबंदी लगा दी है।


जेसीबी से बना दिए रोड नहीं कराया मनरेगा मजदूरों से काम।



महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का काम दिया जाना अनिवार्य है । सरपंच रामनिवास यादव द्वारा गांव के ग्रेवल रोड की मरम्मत का कार्य कराया गया । जिसमें मनरेगा मजदूरों को कार्य मिलना चाहिए था लेकिन सरपंच रामनिवास यादव ने यह कार्य अपने भाई अजीत सिंह ठेकेदार की जेसीबी से कराया मनरेगा मजदूरों ने इसकी शिकायत तत्कालीन उपखंड अधिकारी खेमाराम यादव से की तथा अखबार में भी सूचना दी गई लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद भी सरपंच रामनिवास यादव निर्भय होकर ग्रेवल रोड निर्माण का कार्य जेसीबी से ही कराते हैं और अन्य दो रोड की मरम्मत का कार्य भी जेसीबी से करा दिया। इस मामले की शिकायत पंचायती राज प्रमुख सचिव श्रीमती अपर्णा अरोड़ा तक की जा चुकी है लेकिन सरपंच के विरुद्ध कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। मनरेगा मजदूर आज भी अपनी रोजी रोटी के लिए तरस रहे हैं जबकि प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती और आंखें मूंदे बैठा है।